पुस्तक परिचय
न्याय-वैशेषिक शास्त्र के महनीय वाङ्मय का सूक्ष्मेक्षिकया निरीक्षण करने के पश्चात् यह दृष्टिगोचर होता है कि न्याय-वैशेषिक दर्शन विषयक बहुत से ऐसे अल्पपरिचित किन्तु महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ आज भी विद्यमान हैं, जो अपने संस्कार हेतु सुधीजनों के अवधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस क्रम में आचार्य कौण्डभट्ट द्वारा विरचित पदार्थदीपिका एवं तर्कप्रदीप नामक ग्रन्थ विशेषतः उल्लेखनीय हैं। किन्तु महती विडम्बना का विषय है कि वैयाकरणभूषणसार आदि ग्रन्थों की रचना के कारण जहाँ वैयाकरण आचार्यों की दार्शनिक परम्परा में कौण्डभट्ट का विशिष्ट स्थान माना जाता है, वहीं न्याय-वैशेषिक दर्शन के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अप्रतिम योगदान को सर्वथा विस्मृत कर दिया जाता है। यहाँ तक कि न्याय-वैशेषिक आचार्य के रूप में प्रायश: उनका उल्लेख भी प्राप्त नहीं होता।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कौण्डभट्ट के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को आधार बनाकर अद्यावधि किसी भी विद्वान् ने न्याय- वैशेषिक परम्परा में उनके द्वारा लिखे गए ग्रन्थों पर समग्रतया कोई विशिष्ट अध्ययन प्रस्तुत नहीं किया है । इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत ग्रन्थ में पदार्थदीपिका एवं तर्कप्रदीप की उपलब्ध हस्तलिपियों के आधार पर समालोचनात्मक सम्पादन एवं अध्ययन किया गया है।
आशा है कि प्रस्तुत अध्ययन आचार्य कौण्डभट्ट को न्याय-वैशेषिक आचार्यों की अग्रिम पङ्कित में प्रतिष्ठापित करने तथा दर्शनतत्त्वबुभुत्सु विद्वानों के ध्यानाकर्षण में निश्चयेन समर्थ होगा, जिससे आचार्य द्वारा न्याय- वैशेषिक दर्शन के क्षेत्र में किए गए महान् श्रम को एक सार्थक गति प्राप्त हो सकेगी।
Title
|
पदार्थदीपिका एवं तर्कप्रदीप: प्राचीन हस्तलिपियो पर आधारित एक समालोचनात्मक ग्रंथ |
Author |
डॉ विश्वेश वाग्मी |
Edition |
1/e |
Publisher |
Parimal Publications |
ISBN |
9788171106349 |
Pages |
351 |
Year |
2018 |
Binding |
Hard Bound |
Language |
Hindi & Sanskrit |
Bought a Product, Please login & give your review !!
Bought a Product, Please login & give your review !!